Shibu Soren

शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को तत्कालीन बिहार के हजारीबाग जिले के नेमरा गांव में एक संथाल जनजातीय परिवार में हुआ था। उनके पिता सोबरा सोरेन की हत्या सूदखोरों द्वारा की गई थी, जिससे उनके अंदर सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष की भावना जागृत हुई। उन्होंने किशोर अवस्था में ही समाज सेवा शुरू कर दी थी।

सामाजिक आंदोलन और झारखंड मुक्ति मोर्चा

18 वर्ष की उम्र में उन्होंने “संथाल नवयुवक संघ” की स्थापना की।
1972 में उन्होंने A.K. Roy और बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की।
इस संगठन का उद्देश्य था आदिवासियों की भूमि और अधिकारों की रक्षा करना और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाना।

उन्होंने भूमाफियाओं, सूदखोरों और ज़मींदारों के खिलाफ आवाज़ उठाई। कभी-कभी वे लोक अदालतों के ज़रिए त्वरित न्याय भी करते थे। 1975 में “बाहरी लोगों को भगाओ” अभियान में उनके नाम पर हिंसा और हत्याओं के आरोप लगे, लेकिन 2008 में वे इस मामले से बरी कर दिए गए।

राजनीतिक करियर

  • 1977 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए।
  • 1980 में पहली बार दुमका लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।
  • 1989, 1991, 1996, 2002 (उपचुनाव), और 2004 में दोबारा चुने गए।
  • 2002 में राज्यसभा के लिए चुने गए लेकिन बाद में इस्तीफा देकर फिर लोकसभा में आ गए।
  • तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे:
    • मार्च 2005 (10 दिन)
    • अगस्त 2008 – जनवरी 2009
    • दिसंबर 2009 – मई 2010
  • तीन बार केंद्र सरकार में कोयला मंत्री रहे (2004, 2004–05, 2006)

विवाद

  • शशिनाथ झा हत्या कांड (1994): उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया गया, लेकिन बाद में कानूनी प्रक्रिया में राहत मिली।
  • चिरुडीह हत्याकांड (1975): इस मामले में गिरफ्तारी वारंट के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। वे एक महीने जेल में रहे, बाद में जमानत पर रिहा हुए।

व्यक्तिगत जीवन

शिबू सोरेन का विवाह रूपी किस्कू से हुआ था। उनके तीन बेटे हैं:

  • दुर्गा सोरेन (पूर्व विधायक – अब दिवंगत)
  • हेमंत सोरेन (वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री)
  • बसंत सोरेन (दुमका से विधायक)
  • उनकी पुत्रवधू सीता सोरेन, जामा से विधायक रही हैं और बाद में भाजपा में शामिल हो गईं।
  • उनकी दुसरी पुत्रवधू कल्पना सोरेन गाण्डे से विधायक हैं।

निधन

4 अगस्त 2025 को दिल्ली के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद 81 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनके निधन से झारखंड और आदिवासी राजनीति में एक युग का अंत माना जा रहा है।

विरासत

शिबू सोरेन को झारखंड के जननायक के रूप में याद किया जाएगा।
उनकी पहचान एक जनजातीय नेता, समाज सुधारक, और आंदोलनकारी मुख्यमंत्री के रूप में रही है।
गुरुजी” के नाम से मशहूर शिबू सोरेन झारखंड की आत्मा के प्रतीक माने जाते हैं।

शिबू सोरेन – जीवन परिचय

विवरणजानकारी
पूरा नामशिबू सोरेन
जन्म11 जनवरी 1944
मृत्यु4 अगस्त 2025 (उम्र 81 वर्ष)
जन्म स्थाननेमरा गाँव, रामगढ़ जिला, बिहार (अब झारखंड), भारत
जनजातिसंथाल
राष्ट्रीयताभारतीय
राजनीतिक दलझारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)
पदलोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद, झारखंड के मुख्यमंत्री (तीन बार), केंद्रीय कोयला मंत्री
परिवारपत्नी: रूपी सोरेन
पुत्र: दुर्गा सोरेन, हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन
पुत्रवधू: सीता सोरेन, कल्पना सोरेन
पुत्री: अंजलि सोरेन
उपनाम/लोकप्रिय नामगुरुजी

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