योगेंद्र प्रसाद का जन्म झारखंड के रामगढ़ जिले के मुरूबंदा गांव में एक साधारण कुड़मी किसान परिवार में हुआ। तीन भाइयों में सबसे बड़े योगेंद्र प्रसाद ने जीवन की शुरुआत एक आम ग्रामीण युवा की तरह की, लेकिन उनमें सामाजिक बदलाव की प्रबल इच्छा थी।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
- 1991 में कांग्रेस पार्टी से जुड़े और हजारीबाग जिला उपाध्यक्ष बने।
- 1995 में उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया गया।
- कांग्रेस छोड़कर जनता दल में शामिल हुए।
- झारखंड राज्य गठन (2000) के बाद आजसू पार्टी में शामिल हुए।
विधानसभा चुनाव और जीत
- 2009 में आजसू पार्टी से गोमिया से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
- 2014 में झामुमो में शामिल होकर भारी बहुमत से विधायक बने।
- ➤ उन्होंने लगभग 97,000 वोट प्राप्त किए और बीजेपी के माधवलाल सिंह को हराया।
- 2024 में पुनः चुनाव जीतकर गोमिया के पहले दो बार के विधायक बने।
- ➤ इस बार उन्होंने 95,170 वोट प्राप्त कर 36,093 वोटों से जीत दर्ज की।
मंत्री बनने की यात्रा
2024 में हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में योगेंद्र प्रसाद को मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। वे गोमिया क्षेत्र से तीसरे नेता बने जिन्हें मंत्री बनने का अवसर मिला। इससे पहले माधवलाल सिंह और छत्रुराम महतो यह जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
पारिवारिक भूमिका और संघर्ष
- 2018 में कोर्ट के आदेश से विधायक पद चला गया।
- उपचुनाव में उनकी पत्नी बबीता देवी ने जीत दर्ज की और विधायक बनीं।
- 2019 में बबीता देवी को हार का सामना करना पड़ा।
अन्य प्रमुख पद
- झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और सचिव रहे।
- 2022 में झारखंड राज्य समन्वय समिति के सदस्य बनाए गए।
- जनवरी 2024 में झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए।
निजी विशेषताएँ और छवि
योगेंद्र प्रसाद को एक जमीनी नेता और संघर्षशील कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने संगठनात्मक कार्यों में मजबूत पकड़ और जनसंपर्क की कुशलता से अपनी पहचान बनाई है।
पूरा नाम | योगेंद्र प्रसाद |
जन्म स्थान | मुरूबंदा, रामगढ़ जिला, झारखंड |
राजनीतिक पार्टी | झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) |
विधानसभा सदस्य | गोमिया (झारखंड) |
कैबिनेट मंत्री | उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग |
पत्नी | बबीता देवी |
NOTE: यह लेख विभिन्न इंटरनेट स्रोतों (जैसे Wikipedia और शोध लेख) के आधार पर तैयार किया गया है।